होश आया तो मुझे नींद भी बहुत आई ,
इसका मतलब है कि बेहोशी में मैं जाग रहा था।260509
मैं हवा में था मगर फूल थे निगाहों में ।
अनगिनत तारे खिले दूब भरी राहों में ।
लाख सपने थे बिना देह मेरी बांहों में ।
मैं कई रूप लिए आसमां में बिखरा था ,
और धरती पै मेरा साया मुझसे भाग रहा था ।
इसका मतलब है कि.........
सैंकड़ों चेहरों की थी भीड़, चाहतें गुम थीं।
अज़नबी दुख चले आते थे, राहतें गुम थीं।
मेरे अपनों के थे खंढर इमारतें गुम थीं।
थे कटे हाथ ही जो छान रहे थे मलबे ,
दब गए थे कहीं उत्सव कि जिनमें फाग रहा था।
इसका मतलब है कि .........
भाग्य ,रेखाओं में होता तो निकलकर आता।
दिल हथेली को चीरकर फिज़ा में भर जाता।
मन की रेखा से प्रेम बनके लहर झर जाता ।
सूर्य ,रेखाओं में छुपकर भी बुझा-सा क्यों है?
मेरी मासूम हथेली में कहां दाग़ रहा था ? 020609
इसका मतलब हे कि .........
मुझको ये खेल दिखाना था तो दिल बनाया क्यों ?
मुझको रखना था अकेला तो यहां लाया क्यों ?
मेरी दुनिया ये नहीं थी तो यहां आया क्यों ?
सबकी ख्वाहिश बनूं मैं ,सबके दिलों तक पहुंचूं ,
मैं कभी इससे भी ज्यादा कहां कुछ मांग रहा था ?260509
इसका मतलब है कि ...................
Tuesday, June 9, 2009
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